इस वजह से मनाया जाता है वर्ल्ड टॉयलेट डे, वजह हैरान करने वाली
यह साल 19 नवंबर को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2013 में हुई।
इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को खुले में शौच करने से रोकना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो वर्तमान समय में भी 4 में एक व्यक्ति खुले में शौच जाते हैं।
भारत में भी स्वच्छता के प्रति विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जनगणना 2011 की मानें तो भारत में 67 फीसदी ग्रामीण लोग और 13 फीसदी शहरी लोग खुले में शौच करने जाते हैं।
40 फीसदी घरों में शौचालय है। इसके बावजूद घर का एक सदस्य खुले में शौच करने बाहर जाते हैं।
आइए, विश्व शौचालय दिवस की इतिहास और महत्व को जानते हैं
जानकारों की मानें तो विश्व शौचालय दिवस की स्थापना 19 नवंबर, 2001 को हुई थी। इसकी स्थापना जेक सिम द्वारा की गई थी।
साथ ही महिलाओं के प्रति यौन शोषण में वृद्धि को भी कम करना है। खुले में शौच करने से संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
संक्रमणों से बचाव के लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी स्वच्छता की ओर विशेष ध्यान देते थे।
इसके लिए देश भर में गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान चलाया जाता है।
इस मौके पर देशभर में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाता है।